2022年7月
2022年7月19日
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प्राथमिक व्यापार समझौता (PTA) एक ऐसा समझौता है जिसमें दो राज्य या उनके व्यापारिक समूहों के बीच वस्तुओं व उपकरणों के व्यापार को बढ़ावा देने के लिए समझौता किया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य एक दूसरे के विरुद्ध आर्थिक बाधाओं को कम करना होता है। यह दो देशों के बीच सीमा निरीक्षण, कस्टम जीएसटी, मापदंड एवं नियमों पर आधारित होता है।
PTA एक आर्थिक समझौता होता है जो दो राष्ट्रों के बीच कस्टम ड्यूटी को कम करता है ताकि दोनों देशों के मध्य वस्तुओं का व्यापार बढ़ सके। इस समझौते का लाभ अधिकतर उद्योगों, कृषि उत्पादों, तकनीकी उत्पादों और तेल और गैस आदि के लिए होता है।
इस समझौते को कुछ विशेष शर्तों के साथ किया जाता है जैसे वस्तु की मूल्य वर्तमान मूल्य से कम होना चाहिए तथा यह शर्त लगाया जाता है कि दोनों देशों के मार्केट के बीच विक्रय के लिए संवेदनशील उत्तरदायित्व के साथ वस्तु की गुणवत्ता बढ़ाई जाए।
PTA में दो देशों के बीच निर्णय लेने के लिए एक समिति गठित की जाती है जो विभिन्न अंशों को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लेती है।
इस समझौते में इस्तेमाल किए जाने वाले मुख्य शब्द हैं – आर्थिक मुआवजा, कस्टम ड्यूटी, वस्तुओं, उत्पादों, समिति, निर्णय व विक्रय के लिए संवेदनशील उत्तरदायित्व। इन सभी शब्दों का एक सम्मिलित अर्थ होता है संबंधित देशों के बीच ध्यान से बनाए गए नियमों के पालन के साथ वस्तुओं का व्यापार करना।
PTA में संबंधित देशों के बीच संवेदनशील उत्तरदायित्व का महत्व होता है क्योंकि यह उन नियमों का पालन करता है जो दोनों देशों के बीच समझौते में बनाए गए होते हैं।
इसलिए, PTA दो देशों के बीच नए व्यापार सम्बन्धों के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। PTA के माध्यम से दो देशों के बीच वस्तुओं का व्यापार सुविधाजनक एवं कम लागती होता है जो कि ऊपरी हद तक इन दो देशों का विकास करता है।
कुल मिलाकर, PTA एक ऐसा माध्यम है जिसके माध्यम से दो देशों के बीच वस्तुओं का व्यापार करना सही होता है। यह एक अच्छा तरीका है जो दोनों देशों को उन्नति की राह पर आगे बढ़ने में सहायता करता है।